जम्मू – भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए चिनाब नदी पर बने बगलिहार और सलाल बांध के सभी गेट पूरी तरह बंद कर दिए हैं। इस फैसले के बाद पाकिस्तान को जाने वाला पानी पूरी तरह से रोक दिया गया है, जिससे पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांतों में जल संकट गहरा गया है। इस कदम को भारत ने सिंधु जल संधि को सस्पेंड करने के बाद उठाया है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है।

चिनाब नदी का पानी पाकिस्तान की कृषि, जलविद्युत उत्पादन और पीने के पानी की आपूर्ति के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। भारत द्वारा पानी की सप्लाई रोकने से पाकिस्तान में फसलों की पैदावार घटने, बिजली संकट बढ़ने और जल संकट गहराने की संभावना है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय में पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ेगा और ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी बढ़ सकती है।
इसके साथ ही भारत झेलम नदी पर बने किशनगंगा बांध के पानी को भी नियंत्रित करने की तैयारी कर रहा है, जो पाकिस्तान के लिए और भी बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। पाकिस्तान ने इस कदम को युद्ध जैसी कार्रवाई बताया है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विरोध जताया है, लेकिन भारत का रुख कड़ा और अडिग बना हुआ है।
इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि अब पानी भी दोनों देशों के बीच एक रणनीतिक हथियार बन चुका है। मोदी सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के तहत पानी की आपूर्ति को भी नियंत्रित किया जाएगा। ऐसे में पाकिस्तान सचमुच बूंद-बूंद पानी को तरसने वाला है, जबकि भारत अपनी सुरक्षा और रणनीतिक हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है।