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लंदन में गूंजा जम्मू की बेटी का दर्द: Manu Khajuria ने उठाई सीमा के लोगों की आवाज़

NDTV की संवाददाता राधिका से बातचीत में Manu Khajuria ने लंदन से जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती गांवों के हिंदू परिवारों के दर्द, आतंकवाद, पाकिस्तान प्रायोजित हिंसा और नार्को टेरर के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की।

लंदन – Manu Khajuria, जो जम्मू क्षेत्र की डोगरा हिंदू हैं और अब लंदन में रहती हैं, ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती गांवों में हिंदू परिवारों को किस तरह चुन-चुनकर निशाना बनाया गया। उन्होंने कुलहंड, प्रनकोट, डड्डीकोट जैसी हत्याओं का ज़िक्र किया, जहां लोगों को उनके धर्म के आधार पर मार दिया गया। Manu ने बताया, “आधार कार्ड देखकर हिंदू पहचान के बाद मारा गया। मेरे अपने परिवार के सदस्य भी इस हिंसा का शिकार हुए-एक अंकल को गोली लगी, एक आंटी स्कूल से लौटते वक्त बम धमाके में बाल-बाल बचीं।”

सीमा पर बंकर, गोलाबारी और बच्चों का डर

उन्होंने अपने गांव का जिक्र करते हुए कहा, “हमारे स्कूलों और घरों में बंकर बने हैं। बच्चों को गोलाबारी के साए में पढ़ाई करनी पड़ती है। हम हर वक्त डर में जीते हैं, लेकिन फिर भी डटे रहते हैं, खेती करते हैं, बच्चों को पढ़ाते हैं, और देश के साथ खड़े हैं।”

खास तौर पर Arnia कस्बे का जिक्र करते हुए Manu ने कहा:

“मेरे एक रिश्तेदार Arnia के बॉर्डर टाउन में स्कूल चलाते हैं। स्कूल के मैदान में बंकर बना है। कई बार स्कूल में गोलाबारी के गोले गिरे, लेकिन उन्होंने कहा कि हम सिर्फ आगे बढ़ेंगे, बच्चों की पढ़ाई नहीं रुकने देंगे। हम अपने देश, सरकार और सेना के साथ खड़े हैं, और कभी पीछे नहीं हटेंगे।”

नार्को टेरर: आतंक का नया चेहरा

Manu ने खास तौर पर पाकिस्तान से हो रही नार्को टेरर की साजिशों का भी ज़िक्र किया। “सीमा पार से सिर्फ आतंकवादी ही नहीं, बल्कि नशे की तस्करी भी हो रही है। ड्रग्स के ज़रिए नौजवानों को बर्बाद करने की कोशिश हो रही है। इससे न सिर्फ सुरक्षा, बल्कि समाज की नींव भी हिल रही है,” Manu ने कहा। उन्होंने अपील की कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को देखना चाहिए कि ये नशा और आतंकवाद की फंडिंग कहां से हो रही है, और पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराना चाहिए।

लंदन से आवाज़: आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता की मांग

Manu ने लंदन में रहते हुए भी अपने जड़ों से रिश्ता नहीं तोड़ा। उन्होंने बताया कि जैसे ब्रिटेन ने 7/7 के आतंकवादी हमले देखे, वैसे ही जम्मू-कश्मीर के लोग दशकों से इस्लामिक आतंकवाद का सामना कर रहे हैं। “हम नहीं चाहते कि कहीं भी, चाहे भारत हो या ब्रिटेन, आतंकवाद पनपे। हम शांति, प्रगति और सुरक्षित भविष्य चाहते हैं।”

Dogra जज़्बा: डर के बावजूद आगे बढ़ने की जिद

Manu ने डोगरा समुदाय के साहस को भी रेखांकित किया। “हमारे स्कूलों में बंकर हैं, लेकिन पढ़ाई नहीं रुकती। हमारे किसान गोलियों के साए में भी खेतों में मेहनत करते हैं। हम सरकार, सेना और देश के साथ हैं।”

वैश्विक समुदाय से अपील

Manu ने कहा, “हम दुनिया से अपील करते हैं कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और नार्को टेरर के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं। आतंकवादियों की फंडिंग और ड्रग्स की सप्लाई रोकना जरूरी है, ताकि सीमा के लोग चैन की सांस ले सकें।”

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