श्रीनगर – जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में उस वक्त सनसनी फैल गई जब अहरबल क्षेत्र में अदबल नाले से एक युवक का शव बरामद हुआ। मृतक की पहचान इम्तियाज अहमद मगरे के रूप में हुई है। आरोप है कि उसे पहलगाम आतंकी हमले के बाद पूछताछ के लिए सुरक्षाबलों ने हिरासत में लिया था और अब दो दिन बाद उसका शव नदी में मिला है।
महबूबा मुफ्ती ने उठाए सवाल, की निष्पक्ष जांच की मांग
इस घटना पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया कि कुलगाम में एक और युवक की लाश मिलने से गहरी चिंता खड़ी हो गई है। उन्होंने कहा कि इम्तियाज को दो दिन पहले सुरक्षा बलों द्वारा उठाया गया था और अब उसका शव रहस्यमय हालात में बरामद हुआ है। उन्होंने इसे ‘गंभीर गड़बड़ी’ करार देते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।
‘कश्मीर की शांति को पटरी से उतारने की साजिश’
महबूबा ने हालिया पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भी चिंता जाहिर की और कहा कि यह हमला जानबूझकर कश्मीर की शांति, पर्यटन और सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने के लिए रचा गया षड्यंत्र प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि एक भी हिंसक घटना पूरी व्यवस्था को अस्थिर कर सकती है, और इस प्रकार की मनमानी गिरफ्तारियां व नागरिकों को निशाना बनाना बेहद खतरनाक है।
पुलिस का बयान: पूछताछ के दौरान भागने की कोशिश में नदी में डूबा
वहीं, इस मामले पर पुलिस की ओर से एक आधिकारिक बयान भी जारी किया गया है। पुलिस के अनुसार इम्तियाज को 3 मई को हिरासत में लिया गया था, जहां उसने जंगल में छिपे आतंकियों को रसद पहुंचाने की बात स्वीकार की थी। 4 मई को जब वह सेना और पुलिस के संयुक्त दल के साथ मौके पर गया तो उसने मौके से भागने की कोशिश की और तेज बहाव वाली विश्वा नदी में छलांग लगा दी।
पुलिस ने यह भी बताया कि यह पूरी घटना ड्रोन कैमरे में रिकॉर्ड हुई है और साफ दिखाई देता है कि इम्तियाज ने अपनी इच्छा से नदी में छलांग लगाई। इसलिए, उनकी मौत के लिए सुरक्षा बलों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए।